सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
इकतरफा प्रेम इस तरह निभाते रहे हम।।
सच्चाईयों को तुमने फिर किनारे कर दिया।
हम झूठ को सच्चाई समझते रहे हर–दम।।
अभिषेक सोनी
ललितपर, उत्तर–प्रदेश
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
इकतरफा प्रेम इस तरह निभाते रहे हम।।
सच्चाईयों को तुमने फिर किनारे कर दिया।
हम झूठ को सच्चाई समझते रहे हर–दम।।
अभिषेक सोनी
ललितपर, उत्तर–प्रदेश