सुधार
“सुधार”……..
—
–“मम्मी ! पता है आज क्या हुआ ?” खुशी घर में घुसते ही चहकते हुए बोली ।
–“हाँ! बताओ बेटा । क्या हुआ ?”
–“आज मैम ने क्लास में निबंध लिखवाया और चेक किया तो कह रही थी …..।”
–“हूँ ……क्या कह रही थी ?”
–“जो बच्चे ध्यान देकर अपने में सुधार करना चाहते हैं। वे ही कर सकते हैं। अब खुशी को देखो ! मेरे कहने से अपनी लिखावट सुधारा और कितनी सुन्दर कर ली ।”
–“मैंने कहा था न कि जब रोज देखेंगी तो खुद समझ जाएंगी कि ये तुम्हारी ही लिखावट है ।”
मुझे याद आया अभी पांच दिन पहले ही खुशी रुआंसा होकर कह रही थी कि ‘मेरा होमवर्क देखकर मैम कह रही थी कि इतनी सुन्दर लिखावट ? तुम्हारी मम्मी ने लिखा है क्या ? आप मैम को जाकर कुछ कहो ।’
–“अरे और सुनो मम्मी!……” खुशी झकझोरते हुए कहा ।
–“हाँ हाँ ….बोल ।”
–“आज फिर नेहा कि मम्मी मैम से लड़ने आयी थी कि नेहा को क्यों डांटा गया ?”
–पूनम झा
कोटा, राजस्थान
Mob-Wats – 9414875654