सुधारने का वक्त
हर चीज का होता वक्त
खेलकूद -पढ़ाई -लिखाई
निकृष्ट होने का होता वक्त
जब हम बन जाते हैं निकृष्ट
कोई भी ना चाहता बुरा बने
उत्तम-अधम माहौल ही हमें
बनाता जग में उत्तम-अधम
सुधारने का भी होता ‘वक्त’ ।
बुरा बनने का शौक नहीं !
कभी-कभी बनना पड़ जाता
अच्छा से कभी – कभी हमें
हेय बनना पड़ जाता जग में
परिप्रेक्ष्य के अनुसार बनो
इतना भी न बनो हृदयहीन
कि संशोधन की पड़े गरज
सुधारने का भी होता ‘वक्त’ ।