सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
बस उसी राम को ही उर में बसाइए।
मंदिर बनाना हो जो राम जी के वास्ते तो,
अपने ही मन को ही मंदिर बनाइए।
सुबह से शाम, दिन – रात, दिल चाहे तब,
दिल में ही राम जी के दर्शन पाइए।
तन- मन जीवन के कष्ट सब मिट जाएं,
राम राम राम आठों याम गुनगुनाइए।
………..✍️ सत्य कुमार प्रेमी