Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,

सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
बस उसी राम को ही उर में बसाइए।
मंदिर बनाना हो जो राम जी के वास्ते तो,
अपने ही मन को ही मंदिर बनाइए।
सुबह से शाम, दिन – रात, दिल चाहे तब,
दिल में ही राम जी के दर्शन पाइए।
तन- मन जीवन के कष्ट सब मिट जाएं,
राम राम राम आठों याम गुनगुनाइए।

………..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
118 Views
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
Jitendra Chhonkar
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
Rajesh vyas
चांदनी के लिए
चांदनी के लिए
Deepesh Dwivedi
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यथार्थ में …
यथार्थ में …
sushil sarna
4029.💐 *पूर्णिका* 💐
4029.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
17) ऐ मेरी ज़िंदगी...
17) ऐ मेरी ज़िंदगी...
नेहा शर्मा 'नेह'
..
..
*प्रणय*
जश्न
जश्न
Rambali Mishra
कभी कभी चाह होती है
कभी कभी चाह होती है
हिमांशु Kulshrestha
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आल्हा छंद
आल्हा छंद
seema sharma
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
*किताब*
*किताब*
Shashank Mishra
धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)
धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
अजब गजब
अजब गजब
Akash Yadav
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
मेहनत
मेहनत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वर्तमान से ज्यादा
वर्तमान से ज्यादा
पूर्वार्थ
माँ वीणावादिनी
माँ वीणावादिनी
Girija Arora
सर्वनाम गीत
सर्वनाम गीत
Jyoti Pathak
घर की कैद
घर की कैद
Minal Aggarwal
कामकाजी औरतें
कामकाजी औरतें
Dheerja Sharma
"आसां सा लगता"
Dr. Kishan tandon kranti
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सारे दूर विषाद करें
सारे दूर विषाद करें
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
Loading...