Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2021 · 1 min read

सुख की बरसात

इक रोज सुना मैंने धरती को बोल रही थी आसमान से
थकी हुई नजरों से धरणी देख रही थी मीत को अपने

बोली सुख की ऐसी बारिश कर दो अबकी साजन तुम
मेरी संतान के सब दुख हर लो बात मान लो मेरी तुम

कितने कितने दिन हैं बीते सहा नहीं जाता अब मुझसे
त्राहि त्राहि जो चहुँओर है सुना नहीं जाता अब मुझसे

अमन चैन की बारिश करके मुस्कान मेरी लौटा दो तुम
अपनी संतान को सेहत का आशीष दान में दे दो तुम

बड़ी देर तक सुनकर नभ ने हँसकर बोला वसुंधरा से
अब बरसात के साथ ही सजनी सुख लौटेगा वादे से

हरियाली की चूनर ओढ़े तू, सोलह जब श्रृंगार करेगी
संतान को अपने सुखी देखकर मन से तू खिल जाएगी

डॉ सुकृति घोष
ग्वालियर, मध्यप्रदेश

4 Likes · 6 Comments · 731 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*श्री जगन्नाथ रस कथा*
*श्री जगन्नाथ रस कथा*
Ravi Prakash
Dr arun कुमार शास्त्री
Dr arun कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
P S Dhami
सफ़र ए जिंदगी
सफ़र ए जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
Anis Shah
*हर शाम निहारूँ मै*
*हर शाम निहारूँ मै*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
Lokesh Sharma
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दीवानों की चाल है
दीवानों की चाल है
Pratibha Pandey
ढोल  पीटते हो  स्वांग रचाकर।
ढोल पीटते हो स्वांग रचाकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4122.💐 *पूर्णिका* 💐
4122.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
पूर्वार्थ
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
दिल का दर्द, दिल ही जाने
दिल का दर्द, दिल ही जाने
Surinder blackpen
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
डॉक्टर रागिनी
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
Beautiful & Bountiful
Beautiful & Bountiful
Shyam Sundar Subramanian
🙅परम ज्ञान🙅
🙅परम ज्ञान🙅
*प्रणय*
मुझे भाता है
मुझे भाता है
हिमांशु Kulshrestha
मन में एक खयाल बसा है
मन में एक खयाल बसा है
Rekha khichi
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
" खुशी "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...