सुख और दुख
सुख और दुःख
दूर और पास
धूप और छाव
अच्छा बुरा
कुछ नहीं है ,सिवाय मानस का भ्रम
बल्कि हमारी जीवटता और जीवन जीने की
कला के कभी फीके और या कभी
सुन्दर दिखने वाले रंग हैं,,
जीवन को चलाने के उपक्रम हैं ,
प्रकृति के सनातन नियम हैं
धर्म और आस्था को
पहचानने के संयम है ,,,,शायद ,,