“सुखी हुई पत्ती”
“सुखी हुई पत्ती”
सुखी हुई पत्ती खिल गई एक बार,
प्यार और समर्पण से भर गया संसार।
मिलकर हंसते, खुशियों का मौसम बनाया,
जीवन के साथी, सपनों को सजाया।
संघर्षों के बावजूद, जीवन की धड़कन धड़काया,
पत्तियों का यह सफर, रिश्तों का प्यार हमें दिलाया।
एक दूसरे के साथ, हर दिन बिताना है प्यार,
सुखी हुई पत्तियों की कहानी, हमें सिखाती सार।।
“पुष्पराज फूलदास अनंत “