सुखन भला क्यूॅं कर सूख गया
सब टोकते है मुझको तेरा सुखन भला क्यूॅं कर सूख गया
इक मचलती नदी हर्फों की किस घाट पे जाके सूख गया
अब किस तरह कहें किस किस को जाकर समझाएं
मुहब्बत का खसारा था सुख्नवर नदियां सूख गया
अभी बीते बरस ही आई थी मुहब्बत की बाढ दिल में
अभी अभी यार ने कहा है मुझ से, सब कुछ सूख गया
~ सिद्धार्थ