अमर शहीद भगत सुखदेव राजगुरू
सुखदेव राजगुरु भगत सिंह
त्रिदेव थे ये आजादी के।
जिनके कारण दिन शुरू हुए,
अंग्रेजों की बर्वादी के।
था जिगर बड़ा दीवानों का,
ओढ़ा था बसन्ती चोला।
थे निकले आजादी ब्याहने,
संसद में फेंका गोला।
लाला की हत्या का बदला,
वीरों पर एक उधारी थी।
जालिम हत्यारे सांडर्स को,
तीनों मिल गोली मारी थी।
थी पराकाष्ठा जज्बे में,
जीवन क्या होता भूल गए।
आजादी खातिर ये तीनों,
हँस करके फांसी झूल गए ।
यह देश सदा रहे ऋणी तेरा,
कर दिया समर्पितअपना तन।
पूरे भारत का अभिवादन,
है अमर शहीदों तुम्हें नमन ।