सुकून
सुकून की तलाश मे दिल देने निकले
दिल ले लो सुकून दे दो कहने निकले
बस अगले मोड़ पर ये सुकून होगा
चलते चले गये, दर्द सह के निकले
इश्क हो सुकून भी मिले ये होता कहां
जो होता ही नही उसको ढूंढने निकले
सुकून की तलाश मे बेचैनियां पाल ली
बड़े हो गये जिंदगी सम्भालने निकले
सुकूने-रात शायद जिंदगी मे ही नही
ख्वाहिशें सुलाके यादें जगाने निकले
शुक्रिया जानम काबिलेतारीफ हैं आप
दिल ले के दर्द दिया, यूं सताने निकले
स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर