सुंदर मायके का गाँव
सबसे सुंदर मायके का गाँव है
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सबसे सुंदर मायके का गाँव है,
माता-पिता की सघनी छांव है।
मेरे भाई प्यार भरे सागर हैं,
बहनें प्यारी अनुरागी गागर हैं,
ईश्वर – दर्शन बाबू के पाँव है।
सबसे सुंदर मायके का गांव है।
बापू की पगड़ी माँ की लाज है,
बेटी होती आंगन का ताज है,
चाहे डूबती रहे हर पल नाव है।
सबसे सुंदर मायके का गाँव है।
बचपन बीता जवानी भी आईं,
हुई जब शादी हो गई पराई,
मन में भरे अभी वही भाव है।
सबसे सुंदर मायके का गाँव है।
सखियों के संग तराने थे गाये,
खेल-खिलौनों संग रंग जमाए,
जिन्दा अब भी पुराने घाव हैं।
सबसे सुंदर मायके का गांव है।
मनसीरत ही आँखों का तारा,
बसता रहे ये प्यारा आशियाना,
ससुराल से मायके का चाव है।
सबसे सुंदर मायके का गाँव है।
सबसे सुंदर मायके का गाँव है,
माता-पिता की सघनी छाँव है।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)