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23 May 2022 · 1 min read

सुंदर जगत निवास

जो लोग खेतों में आग लगते हैं उनसे पर्यावरण को बचाने हेतु संदेश
प्लीज शेयर एंड कमेंट

**** सुंदर जगत निवास (दोहावली) ***
********************************

आग लगे जब खेत को,जलते पंछी नीड़।
जीव-जंतु जंगली जले,बच न सकेंगे बीड़।।

मानव मन है लालची,करता रहे उजाड़।
अनल रूप औजार से,चाहे ज्यादा झाड़।।

मौन व्रत धार है खड़े,राजा और वजीर।।
देख कोई न रोकता,बनें फकीर लकीर।।

सांस कंठ में रोकती, प्रदूषित हो समीर।
पत्तों संग तना जले , दहके पेड़ शरीर।।

कृषक किसानी है करे,न नीति सोच विचार।
कुकृत्यों से भू नपे, प्रकृति हुई लाचार।।

तौर तरीके और भी, करो सदैव प्रयास।
हरी – भरी भू बनी रहे,सुंदर जगत निवास।

कोरोना दिखा दिया,क्या है रूप प्रकोप।
मानव मन है बावरा , हृदय मे नहीं ख़ौफ।।

कर जोड़ करूँ याचना,करो घोर मत पाप।
पावक परहेजी बनो ,मरते बिच्छू सांप।।

मनसीरत तन निज जले,लगे हुईं कुछ बात।
हरे पेड़ – पौधे जले,कुछ नहीं हुई बात।।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
106 Views
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