सुंदरी सवैया
सुंदरी सवैया – (सगण×8+ गुरु)
सब संकट दूर करे नित जो,
वह प्राप्त करे यश और बड़ाई।
नित कर्म सभी तज स्वार्थ करे,
उर भाव रखे हर दीन भलाई।
चमकें, उभरें गुण व्यक्ति तभी,
जब सम्मुख हो विकराल बुराई।
दशशीश बिना मिलती जग में ,
रघुनाथ नहीं इतनी प्रभुताई।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय