सीमाएं जुड़ती नहीं …।
सीमाएं कभी जुड़ती नहीं,
एक देश और दूसरे देश में,
यूंँ ही युद्ध छिड़ता नहीं,
परिणाम अंत में क्या होगा,
सीमाओं का क्या विलय होगा ।…(1)
हथियार शांति का क्या प्रतीक होगा,
आपस में सुलझा न सके जो व्याधि,
ऐसे शासकों का क्या राज होगा,
अरे ! हिंसा को भड़काने वाले,
ऐसी नीति क्या सरोकार होगा ।…(2)
शांति वार्ता लाने कि वह काबिलियत,
आपस में सीमा यदि मिलती नहीं,
तख्तापलट अब पलटा वार होगा,
हृदय मिलन से भय अंदर का,
आंतरिक हिंसा का सर्वनाश होगा ।…(3)
रक्तपात और तबाही का स्वांग,
सच्चाई से नहीं भाग सकेगा,
युद्ध नीति नहीं सीमाओं के मध्य,
कर्तव्य नीति जगाओ विवादों के समक्ष,
तब ही तो सीमाएं खुशहाल होगी।…(4)
दो देशों का आपस में विकास होगा,
सीमाएं जुड़ती नहीं फिर भी,
मानवता की संधि एक मिसाल होगा,
हर क्षण बढ़नी है यह शक्ति,
संवेदनशील परिस्थितियों में भी आबाद होगा। ..(5)
✍?
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।