Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

सीता स्वयंवर

# सीता स्वयंवर #

विवाह योग्य हुई सीता राजा जनक को चिंता सताई थी
सुयोग्य वर चुनने को मुनादी स्वयंवर की कराई थी

दूर दूर से राजे, महाराजे, वीर और पराक्रमी आए थे
घोषणा सुन विश्वामित्र भी राम लखन को लाए थे

महापराक्रमी शिव शंभू का धनुष जो जनक के पास था
स्वयंवर की शर्त यही थी प्रत्यंचा उसपर चढ़ाना था

आमंत्रित सभी वीरों ने सारे प्रयास आजमाए थे
प्रत्यंचा तो दूर रही धनुष हिलाने के पड़ गए लाले थे

विश्वमित्र ने कुमार को, आग्रह जनक का बतलाया
अभेद्य धनुष को देखने राम को, दिया आदेश दोहराया

आज्ञा पाकर ऋषि की आसानी से धनुष उठा लिया
देखते ही देखते कुमार ने प्रत्यंचा धनुष की चढ़ा दिया

खींची जो प्रत्यंचा कान तक धनुष बीच से टूट गया
हुई भीषण गर्जना लगा जैसे वज्रपात कोई हुआ

सभी सभासद और विदेहराज आश्चर्यचकित से बैठे थे
इस अचिंत्य और अतर्कित घटना के साक्षी सभी बने थे

टूटते ही धनुष महादेव का स्वयंवर सीता का संपन्न हुआ
वरण किया सीता ने प्रभु का, चहुँ ओर जय कार हुआ

हुआ विवाह राम संग सीता हुई उर्मिला लक्ष्मण की
बंधी डोर मांडवी भरत की, श्रुतकीर्ति हुई शत्रुधन की

पुत्र वधुओं संग लौटे दशरथ खुशी फिर आई अयोध्या में
हर्ष और उल्लास का मंजर बिखरा हुआ था अयोध्या में

हर्ष और उल्लास का मंजर बिखरा हुआ था अयोध्या में।

इति।

इन्जी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
77 Views
Books from इंजी. संजय श्रीवास्तव
View all

You may also like these posts

बरसात और तुम
बरसात और तुम
Sidhant Sharma
#शुभ_प्रतिपदा
#शुभ_प्रतिपदा
*प्रणय*
मान न मान मैं तेरा मेहमान
मान न मान मैं तेरा मेहमान
Sudhir srivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
अंतर
अंतर
Dr. Mahesh Kumawat
जग-मग करते चाँद सितारे ।
जग-मग करते चाँद सितारे ।
Vedha Singh
लिखने का आधार
लिखने का आधार
RAMESH SHARMA
sp 61 जीव हर संसार में
sp 61 जीव हर संसार में
Manoj Shrivastava
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तुम खुशी हो मेरे लबों की
तुम खुशी हो मेरे लबों की
gurudeenverma198
2466.पूर्णिका
2466.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
जब हम स्पष्ट जीवन जीते हैं फिर हमें लाभ हानि के परवाह किए बि
Ravikesh Jha
*दिल के सारे राज खोलूँ*
*दिल के सारे राज खोलूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
माँ वो देखो तिरंगा
माँ वो देखो तिरंगा
Arvina
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
एक अधूरी चाह
एक अधूरी चाह
RAMESH Kumar
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
"शाही व्यंजन"
Dr. Kishan tandon kranti
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
Rj Anand Prajapati
अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
नूरफातिमा खातून नूरी
होठों को रख कर मौन
होठों को रख कर मौन
हिमांशु Kulshrestha
खर्राटे
खर्राटे
Mandar Gangal
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
Loading...