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27 Aug 2018 · 1 min read

सीता स्तुति

!! श्री राम !!
श्री सीता सप्तशती
? श्री सीता स्तुति ?
०००००००००००००००
जनक सुनयना की हे लाड़ो, शत-शत तुम्हें प्रणाम‌ है ।
जहाँ विराजें चरण तुम्हारे ,वहीं राम का धाम है ।।

हे वैदेही ! तुमने आकर भू का भार घटाया है ,
अपने भक्तों पर माँ तुमने, अनुपम प्यार लुटाया है ,
दशकन्धर को मुक्त कर गया मात तुम्हारा नाम है ।
जहाँ विराजें‌ चरण तुम्हारे ,वहीं राम का धाम है ।।(१)

नाम तुम्हारा पवनपुत्र के , मन में मात समाया है ,
अजर अमर होने का तुमसे, हनुमत ने वर पाया है ,
मनमोहक छवि वर मुद्रा की, माता अति अभिराम है ।
जहाँ विराजें‌ चरण तुम्हारे ,वहीं राम का धाम है ।।(२)

भरत ,शत्रुघन, लखनलाल नित, तुमको मात मनाते हैं,
देव ,यक्ष, गंधर्व आपको, हर पल शीश नवाते हैं,
लव कुश की हे मात ! तुम्हारी लीला ललित ललाम है ।
जहाँ विराजें‌ चरण तुम्हारे ,वहीं राम का धाम है ।।(३)

करो सदा संघर्ष नारियों ,को तुमने संदेश दिया ,
पतिव्रत धारण किया आपने कभी नहीं संदेह किया ,
‘ज्योति’ हृदय में हरपल गूँजे, माता सीता राम है ।
जहाँ विराजें‌ चरण तुम्हारे ,वहीं राम का धाम है ।।(४)
०००
-महेश जैन ‘ज्योति’
क्रमशः…..!
***

Language: Hindi
Tag: गीत
510 Views
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