” सीख “
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एक बार हो जाए तो नादानी ,
दुसरी बार हो जाए तो भूल ,
तीसरा बार हो जाए तो गलती ,
बार बार हो तो आदत ।
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जरूरतें इंसान की होती है ,
इंसान जरूरत नहीं होता ।
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खुशियां हम से होती है ,
हम खुशियों से नहीं ।
जरा सोच के देखो ,
नजरों से रौशनी होती है ,
रौशनी से नजरें नहीं ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली