Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2019 · 1 min read

सिसकियाँ

सुनाई देती हैं मुझे सिसकियाँ
फिर से प्यार में आहत व चोट
खाई हुई उस खूबसूरत कलत्र की
जिसका पुनः विश्वास और आस्था
विस्वासघाती शस्त्र से तार तार हुई
चूर चूर हुए अरमान अनुराग के
थक हार कर सिसकती हुई
चक्षुनीर की सरिता सी बहाती
लूटी अस्मित आँचल में छुपाती
जो पुरुषत्व काम वासना की बलि चढी
खो दिया जिसने सम्पूर्ण आस्तित्व
चिन्ता है कैसे जिएगी वो
कैसे पाएगी खोया आत्मविश्वास
आगे बढने की नव राह चाह
कौन देगा प्रेम अनुराग
बन पाएगी किसी की प्रेमिला प्रेयसी
घर द्वार का हार श्रृंगार लक्ष्मी
पुरूष प्रधान समाज का अंग अंश
अन्य हेतु भविष्य प्रेरक प्रेरता
जो देगी औरों को आत्मविश्वास
आत्मशक्ति और स्वयं को आत्मशुद्धि
हो जाएगी आत्मग्लानि से स्वतंत्र
जिएगी निज का पाक साफ जीवन

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
2 Likes · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

धड़कनें थम गई थीं
धड़कनें थम गई थीं
शिव प्रताप लोधी
चैलेंज
चैलेंज
Pakhi Jain
तलाश सूरज की
तलाश सूरज की
आशा शैली
कैसे समझाऊं उसे
कैसे समझाऊं उसे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
बिगड़े हुए मुकद्दर पर मुकदमा चलवा दो...
बिगड़े हुए मुकद्दर पर मुकदमा चलवा दो...
Niharika Verma
झोला
झोला
RAMESH Kumar
"जिस बिल्ली के भाग से छींका टूट जाए, उसे कुछ माल निरीह चूहों
*प्रणय*
जीवन
जीवन
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
कूष्माण्डा
कूष्माण्डा
surenderpal vaidya
कमियाबी क्या है
कमियाबी क्या है
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
.
.
Ankit Halke jha
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
शेखर सिंह
छठ पूजा
छठ पूजा
©️ दामिनी नारायण सिंह
दास्तान-ए-दर्द!
दास्तान-ए-दर्द!
Pradeep Shoree
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
Dr fauzia Naseem shad
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जंग के नुकसान
जंग के नुकसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
सच-झुठ
सच-झुठ
Mansi Kadam
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
"रफ़्तार पकड़ती ज़िंदगी"
ओसमणी साहू 'ओश'
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
चंद्रयान-3 / (समकालीन कविता)
चंद्रयान-3 / (समकालीन कविता)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"संघर्ष के बिना"
Dr. Kishan tandon kranti
!! राम जीवित रहे !!
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, मेरी जान"
राकेश चौरसिया
शांति दूत
शांति दूत
अरशद रसूल बदायूंनी
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
SATPAL CHAUHAN
Loading...