सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
सिलवटें आँखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
है भरा गुब्बार दिल में रो नहीं पाए हैं आप ।।
इतना भी ज़ज्बात सेहत के लिए अच्छा नहीं ।
ऐसा लगता है किसी के हो नहीं पाए हैं आप ।।
‘कश्यप’