Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2022 · 1 min read

सिर और नाक फोड़ डाली

माननीयों ने छोड़ी लोकलाज, मर्यादा तार तार कर डाली
पश्चिमी बंगाल बिधान सभा में, सिर और नाक फोड़ डाली
क्या यह असंबैधानिक कृत्य, गिरते मूल्यों का दर्पण है?
राजनैतिक कटुता हिंसा द़ेष का, नया एक उदाहरण है
संसदीय प्रणाली में पक्ष विपक्ष, बात अपनी अपनी रखते हैं
अमृत मथ कर मिलता है,लोक जनमानस चखते हैं
माननीयों क्या जनमानस को, व्यवहार यही सिखाओगे?
उत्कृष्ट संसदीय परंपरा को, कटुता की भेंट चढ़ाओगे?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 147 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
हार मानूंगा नही।
हार मानूंगा नही।
Rj Anand Prajapati
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
■ आज की परिभाषा याद कर लें। प्रतियोगी परीक्षा में काम आएगी।
■ आज की परिभाषा याद कर लें। प्रतियोगी परीक्षा में काम आएगी।
*Author प्रणय प्रभात*
सच तो हम तुम बने हैं
सच तो हम तुम बने हैं
Neeraj Agarwal
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
शेखर सिंह
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
आशीर्वाद
आशीर्वाद
Dr Parveen Thakur
*राजा रानी हुए कहानी (बाल कविता)*
*राजा रानी हुए कहानी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
Satyaveer vaishnav
दिवाली
दिवाली
Ashok deep
*बाल गीत (पागल हाथी )*
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जब तुम नहीं सुनोगे भैया
जब तुम नहीं सुनोगे भैया
DrLakshman Jha Parimal
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
*जख्मी मुस्कुराहटें*
*जख्मी मुस्कुराहटें*
Krishna Manshi
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की
Dr MusafiR BaithA
आज फिर जिंदगी की किताब खोली
आज फिर जिंदगी की किताब खोली
rajeev ranjan
मैं तो महज आवाज हूँ
मैं तो महज आवाज हूँ
VINOD CHAUHAN
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
दान
दान
Mamta Rani
Loading...