सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
रिश्ते में कभी गहराई नहीं होती,
वहीं दिल से बनाये रिश्तों में
कभी रिहाई नहीं होती।
दूर रहकर भी जो बसते हैं
हमारे दिल में हीं
ऐसे रिश्ते में ताउम्र
जुदाई नहीं होती ।
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
रिश्ते में कभी गहराई नहीं होती,
वहीं दिल से बनाये रिश्तों में
कभी रिहाई नहीं होती।
दूर रहकर भी जो बसते हैं
हमारे दिल में हीं
ऐसे रिश्ते में ताउम्र
जुदाई नहीं होती ।