सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
दिल की सुनते हैं, जो मांगे वो हमसे कहते हैं।
समस्त जगत को देते हैं आशा और उम्मीद,
हर दिन हमारे साथ रहते हैं भगवान विश्वनाथ।
मन की खुशी जगाती है ख्वाहिशें,
सपनों को हकीकत में बदलने की आशाएं।
चाहतों की उड़ान भरती आँखों में चमक,
हर दिन नए रंगों से सजाती ज़िंदगी की राहें।
मन की खुशी छू लेती है सूरज की किरणें,
धूप के साथ खेलती लहरों की लहरें।
अपनी कार्यशीलता से जगमगाती है रातें,
सपनों की दुनिया में ले जाती अनुभवों की यात्रा।
मन की खुशी खिलती है एक पुष्प की तरह,
खुद को बहार में खो देती है अपार।
जीवन की गाथा में गुंजाती है उमंग,
खुद को खो देती है चिंता की बाधाओं में।
मन की खुशी बहती है जैसे नदी की लहर,
जीवन के संगीत में घुलती है बहार।
खुद को पुरे करती है अपने सपनों के शौख,
जीवन की दौड़ में बनाती है अपनी राहें।
कार्तिक नितिन शर्मा