सिर्फ कैंडल मार्च नहीं
सिर्फ कैंडल मार्च नहीं।
हुँकार करो…
सिर्फ विचार नहीं ।
प्रहार करो।
सिर्फ कैंडल मार्च नहीं ।
गरलयुक्त
अजगर बन
फुँफकार करो ।
सिर्फ कैंडल मार्च नहीं भारत
अर्जुन सम
धनुषटंकार करो।
अब शान्ति की बात नहीं ।
ये विचार करो।
सिर्फ कैंडलमार्च नहीं
ये शंखनाद करो।
उस युग में राम ने
भी पहले
क्षमा माँगा था।
दया भी
किया था
उसके बाद
सिन्धु पर
लक्ष्यसंधान
किया था।
अब स्थिति
वही बन
चुकी है।
इसलिए है
भारत
तुम भी
अब लक्ष्य संधान
करो।।