सिर्फ एक भूल जो करती है खबरदार
सिर्फ एक वह भूल जो कर देती है नष्ट,
इंसान के सभी अच्छे गुणों को
इंसान की कीर्ति और सत्कर्मों को,
उसके द्वारा भलाई के कार्यों को,
इंसान की इज्ज़त और शान को।
सिर्फ एक वह भूल जो कर देती है खत्म,
इंसान की जीवनभर की प्रशंसा को,
इंसान द्वारा जुताई गई दौलत को,
इंसान द्वारा बनाये गए महल को,
इंसान द्वारा संजोए गए ख्वाबों को।
सिर्फ एक वह भूल जो बना देती है,
इंसान को क्रूर आदमी दिल से,
कर देती है मजबूर इंसान को,
चलने को गलत राह पर,
उसको ब्लैकमेल करने पर।
सिर्फ एक वह भूल जो कर देती है,
इंसान को बर्बाद दुनिया में,
इंसान को बदनाम दुनिया में,
इंसान का पतन दुनिया में,
इंसान को अकेला दुनिया में।
मत करना कोई यह भूल कभी,
किसी बेवफा से मोहब्बत करने,
किसी मतलबी इंसान से दोस्ती की,
अपनी औकात से ज्यादा उड़ने की,
वरना होगा वही हाल जो बताया है मैंने।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847