Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

तुम तो ठहरे परदेशी

तुम तो ठहरे परदेशी
हमें क्या विकास दिखाओगे?
अब तक पकड़ाया लालीपाप
फिर चुनाव में वही पकड़ाओगे
देखते रहेंगे हम उड़न खटोला
और तुम जीतकर उड़ जाओगे !

554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
Ajad Mandori
*
*"कार्तिक मास"*
Shashi kala vyas
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
"मार्केटिंग"
Dr. Kishan tandon kranti
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
Ms.Ankit Halke jha
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
यही बताती है रामायण
यही बताती है रामायण
*Author प्रणय प्रभात*
जीत का सेहरा
जीत का सेहरा
Dr fauzia Naseem shad
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आजादी की शाम ना होने देंगे
आजादी की शाम ना होने देंगे
Ram Krishan Rastogi
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धर्मप्राण श्री किशोरी लाल चॉंदीवाले : शत-शत नमन*
*धर्मप्राण श्री किशोरी लाल चॉंदीवाले : शत-शत नमन*
Ravi Prakash
मूर्ख बनाने की ओर ।
मूर्ख बनाने की ओर ।
Buddha Prakash
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हिन्द के बेटे
हिन्द के बेटे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
श्याम सिंह बिष्ट
In the end
In the end
Vandana maurya
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
Praveen Sain
एक तिरंगा मुझको ला दो
एक तिरंगा मुझको ला दो
लक्ष्मी सिंह
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
gurudeenverma198
Loading...