सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
क़रीब थे मेरे फिर दूर होने का बहाना क्यूं था?
दूरियों के वक़्त को साल में भी गिनूं तो बहुत है,
ज़माने बाद भी तुम्हें मेरे ज़ेहन में आना क्यूं था?
बहुत पसंद था न तुम्हें मेरा खुशमिजाज होना,
फिर मुझसे ही मेरी हंसी तुम्हें चुराना क्यूं था?
ज़िंदगी में मोहब्बत इक बार ही हो, ज़रूरी नहीं,
जब आख़िरी नहीं थे तो मेरे रूह में समाना क्यूं था?