सिरतोन हमन जीतबोन
सिरतोन हमन जीतबोन
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कुछु करना हे तो डटके चले बर लागही,
ये दुनिया म थोरकुन हटके चले बर लागही।
जमाना म तो जम्मो चलथे साहब,
फेर इतिहास ल पलटके चले बर लागही।
बिन बुता के जांगर कइसे?
बिन मेहनत के दाम कइसे।
जब ले नी मिलही मंजिल,
फेर जिनगी म आराम कइसे।
होही हमरो सपना पूरा ,
धियान देके अपन काम कर।
मिलही एकदिन फल ह,
थोरकुन संगवारी इंतिजार कर।
धरती दाई के भुइयाँ म संगी,
चलेन हमन अकेल्ला।
सिरतोन हमन जीतबोन संगी,
खुशी मनाबोन माई पिल्ला।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना (छत्तीसगढ़)
मो. 8120587822