सियासी बाजीगर आगमन
*********सियासी बाजीगर आगमन********
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सियासी बाजीगर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
पाँच वर्ष तक जो बैठे ऐशोआराम की जन्नत पर
आ गए बैठने को झूठे ढोंगी गरीबों की पंगत पर
जन के बाजीगर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए ,चुनावी मौसम आ गया
जनता भोली भाली को पुनःसब्जबाग दिखाएंगे
लालच और धोखे से जनता का उल्लू बनाएंगें
मत के खरीददार आ गए,चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
शिक्षा, स्वास्थ्य,स्व्च्छता ,बेरोजगारी मुद्दे गौण थे
श्वेत कुर्ते धोती वस्त्रधारी उन पर कब से मौन थे
फ़रेबी झुठलाने आ गए, चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए चुनावी मौसम आ गया
सत्ता के गलियारों से लूटा खूब माया का खजाना
ठगी-ठौरी,चोरी ,सीनाजोरी से संचित कुबेर माया
वतन के ठेकेदार आ गए ,चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
मनसीरत नजर चुरा कर झट से बच निकलते थे
घर घर में आ कर गले से गले लगाकर मिलते हैं
बरसाती मेंढक आ गए , चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
सियासी बाजीगर आ गए,चुनावी मौसम आ गया
वतन के सौदागर आ गए चुनावी मौसम आ गया
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)