“सियासत”
सियासत
सियासत का असर देखो
खान पान भी बदनाम हो गये
सब्जी सारी हिन्दू हो गई
बकरे सारे मुसलमान हो गये।
कहा तो गया था जनाब
खाते में आयेंगे पन्द्रह लाख
हमारे खातें तो खाली ही रहे
नेता सारे धनवान हो गये।
कहा तो यूं भी गया था साहब
सबका साथ सबका विकास
हमनें तो साथ दिया पर
नेता सारे बेईमान हो गये।
कहा तो ये भी गया था साहब
जनता हमार भगवान औ सेवा हमारा काम
जनता तो जनता ही रही
नेता ही यहां भगवान हो गये।
स्वरचित
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना “