सियासत खुद का पेट भरेगी
सियासत पहले खुद का ही पेट भरेगी या फिर तुम्हारा?
सबको मज़हब के भेद मे लड़वा दिया कसूर उसका या तुम्हार?
शायर© किशन कारीगर
सियासत पहले खुद का ही पेट भरेगी या फिर तुम्हारा?
सबको मज़हब के भेद मे लड़वा दिया कसूर उसका या तुम्हार?
शायर© किशन कारीगर