Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2021 · 1 min read

सियासतों के बदलने पर…

ज़माने से रही दोस्ती जिनसे,
साथी वो अनजाने लगते हैं
पलकों में जिनका मुकाम था,
अब वो ख़्वाब बेगाने लगते हैं…

हाथों की हिना का रंग,
फीका न पड़ने पाए कभी
पिसते -पिसते जज़्बात सब
दिल को जलाने लगते हैं…

एक आँगन में रहे जो साथ
भाई- भाई की तरहाँ हमेशा
सियासतों के बदलने पर,
मालिक से मकाँ छुड़ाने लगते हैं…

तेरी दुनिया में रहे खुदा
अजनबी बनके उम्रभर
वरना लोग तो अपनों से
दामन छिटकाने लगते हैं…

मन तेरे लालच की सीमा
‘अर्पिता’ ना समझी आजतलक
अपनी रोशनी की खातिर
गैर का घर ज़लाने लगते हैं…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
©®

2 Likes · 2 Comments · 323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
2658.*पूर्णिका*
2658.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैंने क़ीमत
मैंने क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
gurudeenverma198
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सलाह के सौ शब्दों से
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
Dr. Man Mohan Krishna
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Buddha Prakash
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
Swami Ganganiya
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
Ravi Betulwala
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
Vishal Prajapati
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विदाई
विदाई
Aman Sinha
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
#अमृत_पर्व
#अमृत_पर्व
*प्रणय प्रभात*
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
Seema Garg
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
Loading...