सिफारिश है चाँद की
जबसे देख लिया है तुमको
बस एक ख्वाहिश है चाँद की
चाँद से बेहतर तुमको कहें हम
ये सिफारिश है चाँद की
तुमने जब जुल्फें लहराई
मौसम ने ली है अंगड़ाई
चाँद तुम्हारे आगे फीका
फिर क्या करें हम और बड़ाई
तुझको देख के सब कहते हैं
तूँ नुमाइश है चाँद की
चाँद से बेहतर तुमको कहें हम
ये सिफारिश है चाँद की
तेरी आँखें वाह क्या आँखें
इधर – उधर चित चोर सी ताकें
मन तेरा निर्मल है इतना
हम अंदर कितनी मर्तबा झाँकें
प्रेम गगन में प्रीत हैं तारे
ये तारे हैं वारिस चाँद की
चाँद से बेहतर तुमको कहें हम
ये सिफारिश है चाँद की
दिल तेरा मंदिर सा पावन
ऊपर से है सुंदर चितवन
नर्म हवा का हल्का झोका
प्रीत बरसता जैसे सावन
ख़्वाब में मेरे जल्दी आना
कुछ उमर तो हो मेरे ख़्वाब की
चाँद से बेहतर तुमको कहें हम
ये सिफारिश है चाँद की
-सिद्धार्थ गोरखपुरी