सिपाही
मेरे देश के वीर सिपाही
तुमको कोटि नमन करता हूं
तुम हो तो है देश हमारा
जगत में शीर्ष सभी से न्यारा
प्रगति पथ पर बढ़ते जाते
निर्धारित कर लक्ष्य उन्हें
सबसे पहले तुम पा जाते
रिपु देख तुम्हें हैं त्रस्त सभी
रिपु दमनी है शौर्य तुम्हारा
देश हित बलिदानी भाव तुम्हारे
मैं सदा वरण करता हूं
मेरे देश के वीर सिपाही
तुमको कोटि नमन करता हूं
भीषण युद्ध संहार हुए
तुमने शीश शिखर किया है
पग कभी न पीछे हटते
प्राणों का उत्सर्ग किया है
अगणित घाव सहे सीने पर
भाल जनानी का ऊर्ध्व किया है
शोणित गति हो जाती तीव्र
जब भी तुम्हें स्मरण करता हूं
मेरे देश के वीर सिपाही
तुमको कोटि नमन करता हूं
धन्य तुम्हारे मात पिता
अद्भुत त्याग उन्हीं का जाना
इकलौता सुत मात्र सहारा
मां अपनी की आंखों का तारा
सुस्मित समर में भेज दिया
विवाह हुआ था अभी-अभी
संगिनी घर में आई थी
नव अंकुर सी नई उमंगे
जीवन में मधुरायी थी
मातृभूमि का इंगित पाते
त्यागा घर वरण समर कर
हुए अमर तुम
कहा, तुम्हारे लिए प्रशस्त किया पथ
शूल स्वयं वरण करता हूं
मेरे देश के वीर सिपाही
तुमको कोटि नमन करता हूं