Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2020 · 1 min read

सिद्धि

मन में थोड़ी सी लगन ,
पूर्ण पर विस्वास हो ।

शक्ति हो संघर्ष की और,
सीखने की आस हो ।।

पथ प्रदर्शक साथ में ,
और सतत अभ्यास हो ।

साधना का गर्व मन में ,
कला की भी प्यास हो ।।

प्राप्त होती सिद्धि तब ,
सु – दिशा में प्रयास हो ।

सुफल बरसे मेह सम ,
सुकृत मन मधुमास हो ।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम"
Satish Srijan
राखी की सौगंध
राखी की सौगंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
व्यथित ह्रदय
व्यथित ह्रदय
कवि अनिल कुमार पँचोली
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-414💐
💐प्रेम कौतुक-414💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
Time Travel: Myth or Reality?
Time Travel: Myth or Reality?
Shyam Sundar Subramanian
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
#हौंसले
#हौंसले
पूर्वार्थ
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
🌲प्रकृति
🌲प्रकृति
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ सुबह की सलाह।
■ सुबह की सलाह।
*Author प्रणय प्रभात*
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
पर दारू तुम ना छोड़े
पर दारू तुम ना छोड़े
Mukesh Srivastava
'हिंदी'
'हिंदी'
पंकज कुमार कर्ण
"प्यार"
Dr. Kishan tandon kranti
वृक्ष की संवेदना
वृक्ष की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
Suryakant Dwivedi
Loading...