सिद्दत्त
मेरी ख्वाइशों में शामिल थी तेरी खुशियां,
तुम्हें छुपाने या चुराने की जरूरत ही नहीं।
मुझे बदनाम करने से अगर खुश रहते हो,
तुमसे नाउम्मीद होने की मेरी फितरत ही नहीं।।
मेरी ख्वाइशों में शामिल थी तेरी खुशियां,
तुम्हें छुपाने या चुराने की जरूरत ही नहीं।
मुझे बदनाम करने से अगर खुश रहते हो,
तुमसे नाउम्मीद होने की मेरी फितरत ही नहीं।।