Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2021 · 1 min read

सितारों संग

कभी बुलाये, कभी बिन बुलाये
तुम चले आना सांझ ढले बुलाये
चली पूर्वाह सीली- सीली बहारें

चांद की चांदनी, आसमां के तले
सितारों संग हम भी जगमगाएंगे
तपती धरती ठंडी, मीठी लहरायेंगे

तरसता तुम बिन अकेले ये मन भी
ठंडी हवा बन बहते आना तुम भी
मीठी-मीठी छांव बन कर तुम भी

ख्वाब, ख्याल सब संग लेते आना
कहे-अनकहे, बिन छुएं ख्वाब लाना
बैठ नीम के नीचे यादें ताजा कर जाना

नयन से नयन बदरा बरसे, बिन गरजे
ऐसा मौसम तुम संग लेते हुए जाने
मीठी सरिता बहती, सीप के मोती दे
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
चाँद
चाँद
ओंकार मिश्र
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
...
...
*प्रणय*
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
राम राज्य
राम राज्य
Shashi Mahajan
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
रोशनी
रोशनी
Neeraj Agarwal
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
4751.*पूर्णिका*
4751.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शत्रू
शत्रू
Otteri Selvakumar
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मुहब्बत से दामन , तेरा  भर  रही है ,
मुहब्बत से दामन , तेरा भर रही है ,
Neelofar Khan
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
" कमाल "
Dr. Kishan tandon kranti
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
I've learned the best way to end something is to let it star
I've learned the best way to end something is to let it star
पूर्वार्थ
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
Loading...