आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
*रिश्वत लेना एक कला है (हास्य व्यंग्य)*
A Letter to My Future Child
गीली लकड़ी की तरह सुलगती रही ......
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सच तो जीवन में हमारी सोच हैं।
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,