सितारा कोई
اب تمہارا نہ کوی اور نہ ہمارا کوئ
زندگی کس طرح ممکن ہو گزارا کوئ
اشک غم چشم چراغاں ہیں محبت کے جناب
روشنی ان کے علاوہ نہ سہارا کوئ
حسن آذاد ہوا عشق بھی روبوٹ ہوا
گن نہیں ملنا نہیں ملنا ستارا کوئ
کوی محبوب لۓ اور کوی تصویر لۓ
اب خیالوں میں نہیں ملتا کنوارا کوئ
یار محشر ہی ملے دار تمنائی ہو
فلسفہ کہتا نہیں ملنا دوبارہ کوئ
درج اک نام ہوا شاہ مقابل تیرے
آئنے جیسا ہے خود سوز گوارہ کوئ
अब तुम्हारा न कोई और न हमारा कोई
ज़िन्दगी किस तरहा मुमकिन हो गुज़ारा कोई
अश़्क़ो ग़म चश़्मो चराग़ां हैं मोहब्बत के जनाब
रोशनी इनके अलावा,न सहारा कोई
हुस्न आज़ाद हुआ इश़्क़ भी रोबोट हुआ
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गुन नहीं मिलना नहीं मिलना सितारा कोई
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कोई महबूब लिए और कोई तस्वीर लिए
अब ख़्यालों में नहीं मिलता कंवारा कोई
यार महशर ही मिले दार तमन्नाई हो
फ़लसफ़ा कहता, नहीं मिलना दोबारा कोई
दर्ज इक नाम हुआ शाह मुक़ाबिल तेरे
आईने जैसा है ख़ुद सोज़ गवारा कोई
शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी