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26 Mar 2024 · 1 min read

सितमज़रीफी किस्मत की

सितमज़रीफी किस्मत की
बारिश हुई है तोहमत की
फूल का काँटों में रहना
तारीफ़ी है हिम्मत की
सितमग़रों से क्या उलझें
मार पड़ेगी क़ुदरत की
दाम बिना बिक जाती है
क़ीमत क्या है औरत की
सर पर अपने बोझ न ले
सारे जहाँ के ख़िदमत की
अच्छे दिन भी आएँगे
याद रहेगी ग़ुरबत की
पानी में ही चाँद बुला
बातें हीं कर जन्नत की।

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