सितमज़रीफी किस्मत की
सितमज़रीफी किस्मत की
बारिश हुई है तोहमत की
फूल का काँटों में रहना
तारीफ़ी है हिम्मत की
सितमग़रों से क्या उलझें
मार पड़ेगी क़ुदरत की
दाम बिना बिक जाती है
क़ीमत क्या है औरत की
सर पर अपने बोझ न ले
सारे जहाँ के ख़िदमत की
अच्छे दिन भी आएँगे
याद रहेगी ग़ुरबत की
पानी में ही चाँद बुला
बातें हीं कर जन्नत की।