सिंहासन पर विराजेगा तू
1.
सिंहासन पर विराजेगा तू
खिलेगा तेरा नूर
होगा तेरा भी अभिनन्दन
होने न तेरे विचार क्रूर
धर्मराज बन होगा सुशोभित
पूर्ण होंगीं कामनाएं
गर जो तू करेगा
उस प्रभु की सत्ता पर विश्वास
2.
स्वयं पर विश्वास कर
उस परमात्मा पर एतबार कर
सपने तेरे भी होंगे साकार
उस परमेश्वर से प्यार कर
उन्माद में तू न बह
कुछ तो उपकार कर
अंतःकरण को जीत ले
संस्कारों पर विश्वास कर