साफ़ चेहरा दिल में काला आज भी है
साफ़ चेहरा दिल में काला आज भी है
आदमी कितना निराला आज भी है
डर गया मुंसिफ ज़माना क्या करेगा
बेबसी के मुँह पे ताला आज भी है
कौन सच्चाई तुम्हें कहता मिलेगा
झूठ का ही बोलबाला आज भी है
देश की सोचे यहाँ फुरसत किसे है
मस्अला पहला निवाला आज भी है
ज़ख्म देकर बेवफ़ाई कर गया था
उन वफाओं का वो छाला आज भी है
बन गया था बेसहारे का सहारा
वो सहारा मय का प्याला आज भी है
हारना सीखा नहीं ‘सागर’ किसी से
क्या हुआ किस्मत पे जाला आज भी है