साहिल
साहिल
बगिया का सुंदर पुष्प है तू ,
जग कड़कती धूप, घनी छाँव है तू ,
महके जिससे आँगन मेरा,
वो मनमोहक गुलफाम है तू।
पाया तुझे तो जीना आया,
पलकों में बंद तू कितने सपने लाया,
जबसे तुझे गोदी में पाया,
हर पल देखा बालकृष्ण साया ।
माँ कहे जब तू हँसके,
बहती गंगा देखे रुक – रुक के,
हिमालय भी सुने झुक – झुक के,
कोयल भी गाए तुझे सुन-सुन के ।
मेरे जीवन का अहसास है तू ,
हर ख़ुशी मेरी जब पास है तू ,
बनाता है हर पल को ख़ास तू ,
जीवन की मेरी आस है तू ।
देख तुझे आराम मिले ,
तुझमें ही छुपे मुझे राम मिले ,
चाहूँ तुझे सबसे बढ़कर,
तेरे नन्हे दिल में सब धाम मिले।
छोटा है तू पर काम बड़े,
हम हैं सदा तेरे साथ खड़े,
इमान कभी गुम मत होने देना,
तेरे साथ बहुत हैं नाम जुड़े ।
इंदु नांदल
जकारता
इंडोनेशिया