साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
लहरों की गलियों में बिताते हैं दिन-रात।
जीवन की लहरों में खो जाते,
खो जाते हैं अपने सपनों की बात।
आसमान से गिरी छत्ती बिंदुओं की तरह,
जिंदगी के अरमानों को पकड़ने की चाह।
मुश्किलों का सामना कर रहे,
मिलकर ही कायम हैं इनके सपनों के लिए इरादे।
एक-दूसरे के साथ जैसे जुड़े हों वे,
समंदर और साहिल, बिना किसी तनाव के।
हर मुश्किल को पार कर रहे हैं,
इस प्यार और संघर्ष की आशा के साथ हंस रहे हैं।
समंदर की मौज, साहिल के साथ हर दिन,
इस प्रेम और साहस की कहानी अनमोल है बिल्कुल।
जीवन की लहरों में खोजते जाते हैं वे,
दो साहिल, अपने सपनों के साथ, हर कदम पर एक साथ।