साहित्यकारों की कॉमन जीवनी
साहित्यकारों की कॉमन जीवनी
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हाई स्कूल में जब मैं पढ़ता था तो हिंदी विषय में कोर्स में साहित्यकारों की जीवनी लिखने में आती थी। वैसे तो मुझे साहित्यकारों की जीवनी पढ़ने में बहुत आनंद आता था लेकिन उनको रटना मुझे अरुचिकर लगता था । कुछ बातें तो याद हो जाती थीं लेकिन पूरी की पूरी जीवनी याद रख पाना कठिन लगता था। कवियों की अलग जीवनी, लेखकों की अलग जीवनी। कोर्स का बड़ा हिस्सा इन जीवनियों मे फैल जाता था ।
मैंने अपनी बुद्धि लड़ाकर साहित्यकारों की एक कॉमन जीवनी उस समय तैयार की थी। यह कॉमन जीवनी इस बात पर आधारित थी कि चाहे जिस कवि या लेखक की जीवनी परीक्षा में लिखने को आ जाए ,मैं इतना तो लिख मारूंगा कि सौ में 33 नंबर जरूर मिल जाएं।
कॉमन जीवनी लगभग इस प्रकार थीः-
आपका हिंदी साहित्य में बहुत ऊंचा स्थान रहा है ।आप की भाषा शैली बहुत प्रभावशाली है। कहने का ढंग इतना सुंदर है कि पाठक बरबस आपकी ओर आकृष्ट हो जाता है ।आपके विचार स्पष्ट हैं तथा पाठकों के हृदयों को आंदोलित करते हैं। आपके साहित्य जगत में पदार्पण से साहित्य को एक नई दिशा मिली तथा आपको सहज ही एक नए युग का प्रवर्तक कहा जा सकता है। आपका अपना एक विशिष्ट पाठक वर्ग है जो आपसे बहुत ज्यादा प्रभावित है। आपकी रचनाएं विषय वस्तु की दृष्टि से बहुत विस्तृत हैं। आपका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मन को छू लेने वाला आपका साहित्य युगों युगों तक सदैव अमर रहेगा ।आपका जो स्थान है उसे शायद ही कोई दूसरा छू पाए। जितनी ऊंचाइयां आपने साहित्य में अर्जित की हैं, वह अपने आप में एक मिसाल है।
तो इस तरह एक कॉमन जीवनी थी जो मैंने तैयार की थी। इसका उद्देश्य ही था कि कोई भी जीवनी लिखने को आ जाए कम से कम 33 नंबर तो मुझे मिल ही जाएं। बाकी इस कॉमन जीवनी के साथ साथ कुछ खास बातें जो मुझे याद रहेंगी वह मैं हर जीवनी में जोड़ सकूंगा।
जब मैंने अपने अध्यापक महोदय से कॉमन जीवनी वाली बात बताई और पूछा कि क्या मैं हर साहित्यकार के बारे में इस तरीके की कॉमन जीवनी का उपयोग कर सकता हूं तो उन्होंने कहा कैसी बातें कर रहे हो? सब की जीवनी अलग होती है। बहरहाल मेरी कॉमन जीवनी तैयार थी। यह तो मुझे याद नहीं कि मुझे परीक्षा में कॉमन जीवनी का इस्तेमाल करना पड़ा या मेरी तैयार की गई जीवनी परीक्षा में आई। लेकिन हां मेरी तैयारी 100 में 33 नंबर लाने के लिए पूरी पक्की थी। मैंने हाईस्कूल 1975 में किया था। 76.8% नंबर कुल मिलाकर थे। गणित विज्ञान और जीव विज्ञान में विशेष योग्यता थी। परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण की थी। हिंदी में मेरे 74 नंबर रह गए थे और विशेष योग्यता नहीं आ पाई थी ।
लेखक :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99976 15451