साहस
शहीद पुत्र के शव को कंधा देती हो
ओ वीर की मॉं तुम इतना साहस कहॉं से लाती हो
सारा गाँव सिसकता ,हर ड्योढ़ी उदास
तुम मौन सी बस ऑंसू पी जाती हो
मॉं इतना साहस कहॉं से लाती हो।
शहीद पुत्र के शव को कंधा देती हो
ओ वीर की मॉं तुम इतना साहस कहॉं से लाती हो
सारा गाँव सिसकता ,हर ड्योढ़ी उदास
तुम मौन सी बस ऑंसू पी जाती हो
मॉं इतना साहस कहॉं से लाती हो।