साहस
वो दिन गए अब बीत जब तू हमको आंख दिखाता था
अब शावक बना है बब्बर शेर,तेरे माद में घुस तेरा ही शिकार करेगा ।
तेरा शीश तेरे ही हाथो में ही दे तुझको नस्टनाबुत करेगा
तेरे लहू की अंजुली भरकर मां भारती का श्रृंगार करेगा
किसी गफलत में न रहना तुम ,तेरे पग पग की हमे खबर है
तू चाहे कितनी भी चाले चल ले ,चाहे पाक को अपने संग रख ले
चाहे तू नेपाल भूटान को दबा अपनी कलुषित चाल चले
हम नहीं अब रुकने वाले चाहे कुछ भी जुगत लगा ले
दो मोर्चो पर तेरा शीश हम कुचलेंगे ,अब तू अपनी खैर माना ले
सेना तुझको टक्कर देगी, जनता तेरे चीजो को पैरो तले ही कुचलेगी
कोई न तेरे साथ रहेगा तू अपने किए पे पछताएगा
अभी गलवान हमारा झाकी है पूरा चीन तो बाकी है।।