सास-बहू
बहुत कुछ साझा था
उनके बीच !
इच्छाओं के …
टुकड़ों के दर्द…
उम्मीदों की मुस्कराहट
चलचित्र सा चलते रहने वाला…
चिड़चिड़ा अतीत
दिव्यांग मन के अनमने भाव
उन दोनों का
मूक एकाकीपन…
बहुत कुछ साझा था
उन दोनों की ऑंखों के
काले घेरों के बीच !
पीढ़ियों के अंतर को
भोगती हुई उन दो
स्त्रियों के मध्य …
समान था …
भविष्य की सकारात्मक शुरूआत की
चेष्टाओं के साथ
यह कहना कि
सब कुछ ठीक हो जायेगा…
एक दिन !
स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ