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3 Apr 2023 · 1 min read

****”**सास-बहु माँ -बेटी के भेद******

****”**सास-बहु माँ -बेटी के भेद******
*********************************

मां और सास औरत के दो रूप जाते हैँ,
बेटी और बहू में क्यों अंतर्द्वंद बन जाते हैँ।

एक से जीवन तो दूसरी से जीवनसाथी है,
फिर भी जीवनधारा मे विचत बंट जाते हैँ।

स्त्री हो कर स्त्री की व्यथा समझ न पाए,
रिश्तों के मात्र बंधन मे पेंच फ़स जाते हैँ।

बेटी के लिए तो हो मालिकाना हक़ सारा,
बहु के लिए हो चाकरी में बदल जाते है।

पुरुष बनकर मनसीरत भंवर मे उलझा है,
सस-बहु माँ-बेटी के भेद नहीं मन भाते हैं।
********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
79 Views
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