सावन
सावन की हरियालीमे है,
एक नई उमंग।
मै तो झूला झूल रही,
मन में है एक नई तरंग।।
बारिश की यह बुंदो सेे,
मै होरही हूं मलंग।
नई खुशीयों का पिटारा लाया है,
आज ये प्यारा सावन।।
इस प्यारीसी बौछारने,
कर दिया है मन को दंग।
मै तो ये प्यारा सा गीत गाऊ,
मेरे पिया संग।।