सावन में शिव-भक्ति –आर के रस्तोगी
सावन का है महीना,शिवे भक्तो का हैअब जोर
बम बम भोले बाबा का,चारो तरफ मचा है शोर
हर तरफ भंडारे लगे हुये,शिव भक्तो का है शोर
शिव भक्त ऐसे नाच रहे,जैसे बन में नाचे मोर
कोई लपेटे हुये है तोलिये,कोई पहने हुए हाफ पेंट
केसरिया वस्त्र पहने हुए है,सब शिव भक्तो के सैंट
भक्त तांडव नृत्य कर रहे,कोई नहीं हो रहा है बोर
शिव को ऐसे खुश कर रहे,जैसे मोरनी को करता मोर
कोई हरिद्वार जा रहा,कोई जा रहा काशी की ओर
सारे शिव भक्त जा रहे ,गंगा गोमती जल की ओर
कोई भांग धतुरा खा रहा,कोई मदिरा पीके मचाये शोर
सब अपनी मस्ती में झूम रहे,कोई हो रहा नहीं है बोर
कोई डमरू बजा रहा,कोई लाउड स्पीकरो से मचाये शोर
चारो तरफ ख़ुशी ही ख़ुशी,मचा है शिव शंकर का शोर
रस्तोगी ने यह शिव द्र्श्य दिखाया हो के आत्म विभोर
लिखा जो मन में आया,उसके आनन्द का नही है छोर
आर के रस्तोगी